कर्ज में डूबी वोडाफोन-आइडिया कंपनी में हिस्सेनदारी खरीदेगी सरकार, ब्याज की जगह सरकार लेगी 33 फीसदी हिस्सेदारी

वोडाफ़ोन और आईडिया को अब पुनः जीवनदान मिल गया है. दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को अपना बयान जारी कर यह बताया कि कंपनी को सही तौर तरीके से चलाने और निवेश की आव्यशकता लाने के लिए आदित्य बिड़ला समूह से प्रतिबद्धता प्राप्त करने के बाद सरकार ने कर्ज में डूबे कंपनी वोडाफोन आइडिया को 16,133 करोड़ रुपये के ब्याज को हिस्सेदारी में बदलने की पुष्टि दे दी है. कंपनी को जीवनदान प्रदान करते  हुए, सरकार ने  वोडाफोन आइडिया के 16,133 करोड़ रुपये से अधिक के बकाया ब्याज को हिस्सेदारी में बदलने की  पूर्ण तौर से मंजूरी दे दी है. इस बदलाव के साथ ही, सरकार को घाटे में चल रही 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज के बोझ तले दबी कंपनी में 33.14 प्रतिशत हिस्सेदारी मिलने की उम्मीद जताई गई है. वोडाफोन आइडिया की सरकार से ये डील 10 रुपया प्रति शेयर पर होने की सम्भावना बताई जा रही है.

5G सेवाओं के उपकरणों के लिए आदेश भी जारी नहीं कर पाई VIL

दूरसंचार नियामक ट्राई द्वारा प्रकाशित आधुनिक आंकड़ों के अनुसार, कंपनी के पास 24.3 करोड़ मोबाइल ग्राहक हैं, जिनकी बाजार हिस्सेदारी 21.33 प्रतिशत है. VIL एकमात्र टेलीकॉम ऑपरेटर है जिसने अभी तक 5G सेवाओं के एक्विपमेंट के लिए खरीद ऑर्डर की पुष्टि नहीं दी है. और अपने विक्रेताओ के बकाये का भुगतान करने के लिए लड़ाई लड़ रहा है .

क़र्ज़ के कारण कंपनी अब बंद होने के मोड़ पर

यह अपना बकाया चुकाने के लिए वेंडर अमेरिकन टावर कॉरपोरेशन को 1,600 करोड़ रुपये तक के वैकल्पिक कंवर्टिबल ऋणपत्र जारी करने की प्रक्रिया में है. अक्टूबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश में दूरसंचार कंपनियों को सरकार द्वारा के द्वारा की गई गणना के अनुसार रेवेन्यू शेयर का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था. इससे VIL बंद होने के मोड़ पर आ गया है क्योंकि इससे कंपनी पर 58,254 करोड़ रुपये का भुगतान का बोझ और बढ़ गया है. 30 सितंबर तक, कंपनी का कुल सकल ऋण, लीज देनदारियों को छोड़कर और अर्जित ब्याज सहित ,2,20,320 करोड़ रुपये था.