बढ़ती उमर में भूलने की बीमारी

देखा जाता है कि बढ़ती उम्र के साथ कुछ लोगों में भूलने की आदत विकसित होने लगती है। ऐसे में लोगों को कुछ भी याद नहीं रहता, उन्हें किसी को पहचानने में भी दिक्कत आती है। हालांकि ऐसी स्थितियों को अक्सर समाज में यही सोचकर काफी हल्के में लिया जाता है कि बढ़ती उम्र के साथ ऐसा होना स्वाभाविक है, लेकिन वास्तव में यह बढ़ती उम्र की कोई स्वाभाविक प्रक्रिया नहीं, बल्कि उनमें पनपने वाली अल्जाइमर नामक बीमारी है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ व्यक्ति के दिमाग में भी कुछ बदलाव होते हैं। कभी-कभी कुछ बातों को याद करने में समस्याएं आ सकती हैं। मगर अल्जाइमर रोग और अन्य प्रकार के मनोभ्रंश यानी डिमेंशिया में स्मृतिलोप और कुछ अन्य लक्षण उत्पन्न होते हैं, जो दैनिक जीवन में गंभीर कठिनाइयां पैदा करते हैं। हालांकि सभी प्रकार के स्मृतिलोप का कारण अल्जाइमर नहीं होता। याददााश्त, सोचने और व्यवहार संबंधी समस्याएं पैदा करने वाला अल्जाइमर सबसे आम प्रकार का मनोभ्रंश है। शुरआती चरण में इसके लक्षण बहुत कम हो सकते हैं, लेकिन जैसे-जैसे यह रोग मस्तिष्क को ज्यादा नुकसान पहुंचाता है, लक्षण बिगड़ने लगते हैं। प्रत्येक व्यक्ति में इस बीमारी के बढ़ने की दर अलग होती है। अल्जाइमर एसोसिएशन के अनुसार दुनिया भर में इस समय करीब 4.4 करोड़ लोग मनोभ्रंश से ग्रस्त हैं। ‘अल्जाइमर ऐंड रिलेटेड डिसआर्डर सोसाइटी आफ इंडिया’ (एआरडीएसआइ) की ‘डिमेंशिया इंडिया रिपोर्ट’ में कहा गया है कि वर्ष 2030 तक करीब छिहत्तर लाख भारतीय अल्जाइमर और अन्य डिमेंशिया की स्थिति से पीड़ित होंगे। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार अमेरिका में तो अल्जाइमर ही हर सातवीं मौत का प्रमुख कारण है। दरअसल, उम्र बढ़ने के साथ कई प्रकार की बीमारियां शरीर को जकड़नी शुरू कर देती हैं और ऐसी ही बीमारियों में से एक बुढ़ापे में भूलने की बीमारी ‘अल्जाइमर-डिमेंशिया’ है। आंकड़ों के मुताबिक चीन में अल्जाइमर रोगियों की संख्या पूरी दुनिया में सबसे अधिक है, लेकिन वहां इस रोग के उपचार की दर अपेक्षाकृत कम है। इसका सबसे बड़ा कारण वहां बुजुर्ग आबादी की लगातार बढ़ती जनसंख्या के अलावा, अधिकांश लोगों के मस्तिष्क में इस बीमारी के बारे में व्याप्त गलतफहमी भी है। दरअसल, बुजुर्गों को अपने शिकंजे में जकड़ती इस बीमारी को, लोग कोई बीमारी नहीं, बल्कि बढ़ती उम्र की एक सामान्य प्रक्रिया मानते हैं। माना जाता है कि अल्जाइमर मस्तिष्क की कोशिकाओं में और उसके आसपास प्लाक के असामान्य निर्माण के कारण होता है।