शहर- शहर मचा कहर, क्या महाराष्ट्र क्या गुजरात, बिहार, बंगाल और झारखंड तक बवाल, जाने कहाँ-क्या हुआ?
रामनवमी समारोहों के दौरान कई राज्यों में हिंसक वारदाते सामने आई है ! वही कई जगहों पर पथराव, गोलीबारी और आगजनी हुआ जिसमे कई लोग घायल भी होए है! तो कई लोगों को हिरासत मे भी लिया गया है। वही बिहार-बंगाल में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए धारा 144 लगा दी गई है। वही इस मामले को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। महाराष्ट्र-गुजरात, बिहार-बंगाल के बाद झारखंड से भी हिंसक वारदात की खबर सामने आई है। महाराष्ट्र्-गुजरात में हिंसा के एक दिन बाद कई जिलों में माहौल तनावपूर्ण रहा। बंगाल के हावड़ा में, जिले में पथराव की ताजा घटनाओं की सूचना मिली, जिसके बाद अधिकारियों को कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा लागू करनी पड़ी। बिहार के सासाराम और नालंदा में भी दो गुटों के बीच हुई झड़प के बाद धारा 144 लागू कर दी गई।
महाराष्ट्र-गुजरात में कई लोग गिरफ्तार, झारखंड में भी हिंसा
इस बीच, गुजरात पुलिस ने वडोदरा में रामनवमी के जुलुस पर पथराव करने वाले 24 लोगो हिरासत में लिया गया है. वही महाराष्ट्र में भी कई गिरफ्तारियां की गई हैं और मालवणी में रामनवमी के जुलूस के दौरान दो समूहों के बीच झड़प के मामले में 21 लोगों को पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। तो वहीं, झारखंड के जमशेदपुर के हल्दीपोखर इलाके में भी कल रामनवमी विसर्जन जुलूस के दौरान पथराव किया गया। पथराव की घटना में करीब 5 लोग घायल हो गए हैं। पुलिस का कहना है कि अब स्थिति शांतिपूर्ण है।
पश्चिम बंगाल में हिंसा के बाद राजनीति तेज
हावड़ा के शिबपुर में गुरुवार को एक जुलुस निकने के दौरान दो समूहों के बीच हिंसा भडकने के बाद कई वाहनों को आग के हवले कर दिया गया और दुकानों में भी तोड़फोड़ की गई। वही डालखोला शहर में भी हिंसा देखने को मिली। इसके एक दिन बाद, शिबपुर में तैनात पुलिस कर्मियों पर अज्ञात लोगों द्वारा पथराव किया गया जिस के बाद हावड़ा में फिर से अशांति देखी गई। वही जमा भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। हावड़ा में अशांति के एक नए दौर के बाद, शिबपुर में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई।
रामनवमी पर हुई हिंसा ने भारतीय जनता पार्टी और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीच जुबानी जंग छेड़ दी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि हावड़ा में हिंसा के लिए अन्य दक्षिणपंथी संगठनों के साथ भाजपा जिम्मेदार थी। सीएम ने कहा, “बीजेपी एक महीने से इन कार्यक्रमों की योजना बना रही है और वे अब इन झड़पों का इस्तेमाल अडानी विवाद के बारे में विपक्ष के सवालों से बचने के लिए कर रहे हैं। ममता ने आगे कहा कि “हिंसा शुरू करने वाले लोग आसानी से समझ सकते हैं कि वे इलाके नहीं थे। उन्हें भाजपा ने किराए पर लिया था और उनके पास बंदूकें और पेट्रोल बम थे। उन्होंने पहले अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों पर हमला किया।’
भाजपा के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने पुलिस पर मूक दर्शक बने रहने का आरोप लगाया। अधिकारी ने कहा ‘पुलिस अपना काम नहीं कर रही है। वे मूक दर्शक बन कर देख रही हैं। वे कुछ नहीं कर रहे हैं। हिंदुओं के सभी घरों में तोड़फोड़ की गई है। काजीपारा इलाके के सभी हिंदुओं को अपनी जान बचाने के लिए भागना पड़ा, ”सुवेंदु अधिकारी ने कहा।
वहीं, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी ने “मुस्लिम वोटों को बनाए रखने” के लिए हिंसा की साजिश रची थी। उन्होंने कहा कि “यह पूरी हिंसा ममता बनर्जी द्वारा कराई गई है। उसने अपने मुस्लिम वोटों को बनाए रखने के लिए ऐसा किया है क्योंकि उपचुनाव में उसका मुस्लिम वोट बैंक कम हो रहा था।
उन्होंने कहा, “मैंने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर हावड़ा में रामनवमी पर हुई हिंसा की एनआईए जांच की मांग की है। अमित शाह ने मुझसे फोन पर बात की और मुझे आश्वासन दिया कि वह इस पूरी हिंसा के कारणों की निगरानी करेंगे।” हावड़ा हिंसा को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने भी कलकत्ता हाई कोर्ट का रुख किया था। उन्होंने मामले की एनआईए जांच और ऐसे क्षेत्रों में केंद्रीय बलों की तत्काल तैनाती की प्रार्थना की।