हिमनद झीलों के फटने से आ सकती है बड़ी तबाही, भारत में 30 लाख लोगों का जीवन संकट में
हिमनद झीलों के कारण आने वाली बाढ़ से भारत में 30 लाख लोगों पर खतरा मंडरा रहा है, जो विश्वभर में इससे प्रभावित होने वाले लोगों की सर्वाधिक संख्या है। पूरे दुनियाभर में ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं, इसके कारण झीलों के फटने से बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
ब्रिटेन के ‘न्यूकैसल यूनिवर्सिटी’ के वैज्ञानिकों का लीडरशिप करने वाली एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने एक नए दावे में यह अध्ययन किया है कि हिमनद झील पिघलने से आने वाली बाढ़ के सर्वाधिक खतरे का सामना करने वाले इलाकों का प्रथम वैश्विक आकलन नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में मंगलवार को प्रकाशित किया गया। इस पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, हिमनद झीलों के कारण भारत में 30 लाख और विश्वभर में करीबन 1.5 करोड़ लोगों का जीवन मुसीबत में है। शोधकर्ताओं ने कहा कि विश्व स्तर पर उजागर आबादी में से आधे से अधिक केवल चार देशों- भारत, पाकिस्तान, पेरू और चीन में पाए जाते हैं।
अध्ययन के अनुसार, जैसे-जैसे तापमान गर्म होता है, ग्लेशियर के टुकड़े पिघलते रहते हैं और झीलों में पानी का स्तर काफी बढ़ जाता है। इसके कारण झील फट सकती है, इसका पानी और मलबा पहाड़ों से नीचे आ जाएगा।
इसके कारण सुनामी या बाढ़ की संभावना काफी अधिक बढ़ जाने की संभावना है। शोधकर्ता रॉबिन्सन ने कहा, ये हिमनद मानव निर्मित बांधों से अलग नहीं हैं। जलवायु के गर्म होने से, हिमनद पिघलने लगते हैं, जिससे झील का निर्माण होता है। यह झील अचानक प्रवाहित होने लगती हैं और इनका बहाव तेज़ होता है तथा ये बहुत दूर तक फैल सकती हैं।