15 December 2021: Today’s Top Most 10 Environmental News।Weather news in India।Latest News Update

  1. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अवधारणा वाराणसी से अनेक राज्यों के लिए बनेगी प्रेरणा, गोबर व बायोगैस से रोजगार के अवसर

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गोपालन के लिए शहंशाहपुर से एक संदेश दिया था। उनकी पहल पर यहां गोबर धन योजना के अंतर्गत बायो सीएनजी गैस प्लांट और जैविक खाद निर्माण की शुरुआत की गई है। यह स्थान अब गाय, गोबर व बायोगैस का संगम बन गया है। यहां से पर्यावरण संरक्षण, गोपालन, जैविक खेती तथा जैविक ईंधन की राह निकलेगी।

  1. ग्रह को सुरक्षित रखने के लिये पर्यावरण नंत्री ने नवाचार, वैज्ञानिक कदमों का आह्वान किया

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने ग्रह को सुरक्षित करने के लिए अभिनव और वैज्ञानिक कदम उठाने का आह्वान करते हुए कहा कि केवल सामूहिक वैश्विक कार्रवाई ही जलवायु परिवर्तन और इसकी चुनौतियों का मुकाबला कर सकती है। भूपेंद्र यादव ने कहा कि भारत ने जलवायु परिवर्तन में योगदान नहीं दिया है।

  1. दिल्ली में नाइट्रोजन डाईऑक्साइड का वार्षिक औसत स्तर सुरक्षित सीमा से अधिक : रिपोर्ट

एनसीएपी ट्रैकर की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2013 से 2020 के दौरान दिल्ली में हवा में नाइट्रोजन डाईऑक्साइड का वार्षिक औसत स्तर 61 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से 73 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के बीच रहा है जोकि तय सीमा से काफी अधिक है.

  1. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नवल श्री का पौधा रोपा

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हर रोज एक पौधा जरूर लगाते है. इसी कड़ी में प्रतिदिन पौधरोपण के संकल्प के तहत आज काशी की पुण्यधरा पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कंपनी बाग में नवल श्री के पौधे का रोपण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि श्री विश्वनाथ जी से प्रार्थना है कि अपनी कृपा बनाए रखें। हम सभी पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण के प्रति कर्तव्य का निर्वहन करें।

  1. आर्कटिक में तापमान 38 डिग्री सेल्सियस पहुँचने की पुष्टि, नया रिकॉर्ड

संयुक्त राष्ट्र के विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने आर्कटिक क्षेत्र में 38 डिग्री सेल्सियस, यानि क़रीब 100 डिग्री फ़ैरेनहाइट तापमान दर्ज किये जाने की पुष्टि की है. यूएन एजेंसी का कहना है कि चरम मौसम व जलवायु पुरालेख में दर्ज आँकड़े बदलती हुई जलवायु को परिलक्षित करते हैं. विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने अनेक बार सचेत किया है कि आर्कटिक क्षेत्र, दुनिया में सबसे तेज़ी से गर्म हो रहे हिस्सों में से है. यहाँ तापमान वैश्विक औसत रफ़्तार से दोगुनी गति से भी ज़्यादा बढ़ रहा है.

  1. केन्या में बाढ़ का प्रकोप, भूस्खलन से 34 लोगों की मौत

पश्चिमी केन्या में लगातार हो रही भारी बारिश के बाद आई बाढ़ और भूस्खलन की वजह से 34 लोगों की मौत की हो गई. वहीं दक्षिणी पोकोट में परूआ और तपाच गांवों में भूस्खलन की वजह से 12 लोग मारे गए. बारिश की वजह से होने वाली घटनाओं में बीते एक महीने के भीतर अब तक 72 लोगों की मौत हो गई है.

  1. बड़ा एक्शन: वायु प्रदूषण फैलाने वाली 7 फैक्ट्रियां जमींदोज, एक बिल्डर पर 5 लाख का जुर्माना

गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र की वायु गुणवत्ता सबसे ज्यादा खराब है। इसी वजह से लोनी इलाके में प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों ने एक विशेष अभियान चलाया है, जिसके तहत लोनी इलाके में प्रदूषण फैलाने वाली सात फैक्ट्रियों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है। इसके साथ ही बिजली विभाग ने इनके कनेक्शन भी काट दिए हैं।

  1. सीपीसीबी को 5,000 से अधिक पक्षियों वाले कुक्कुट पालन फार्म के लिए दिशानिर्देश जारी करने का आदेश

राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) से 5,000 से अधिक पक्षियों वाले कुक्कुट पालन फार्म के लिए दिशानिर्देश जारी करने को कहा है। उसने कहा कि उनके मालिकों को छोटा किसान नहीं माना जा सकता और न ही उनकी प्रदूषण फैला सकने की क्षमता को अनियंत्रित छोड़ा जा सकता है।

  1. दिल्ली : जिन गाड़ियों की उम्र पूरी हो चुकी उनको किया जा सकेगा ई-वाहन में तब्दील, योजना अगले साल से

दिल्ली की सड़कों पर डीजल के 10 साल पुराने और पेट्रोल के 15 साल पुराने वाहन भी इलेक्ट्रिक वाहनों में परिवर्तित किए जा सकेंगे। दिल्ली सरकार की ओर से इसे मंजूरी मिलने के बाद नए साल में लागू करने की तैयारी चल रही है। परिवहन विभाग ने इसके लिए एजेंसियों को आमंत्रित किया है, ताकि मियाद खत्म हो चुके वाहनों को ई-वाहनों में तब्दील कर दोबारा सड़कों पर उतारे जा सकें। इस पहल से हर साल लाखों रुपये की बचत हो सकेगी।

  1. देश की 48,969 ग्रामीण बस्तियां जल प्रदूषण से प्रभावित हैं: संसदीय समिति

संसद की एक समिति ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में बताया है कि 48,969 ग्रामीण बस्तियां जल प्रदूषण से प्रभावित हैं. इसने यह भी चिंता जाहिर की है कि इस स्थिति के बावजूद जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग ‘चुप’ बैठा हुआ है, जबकि यह सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई करने की आवश्यकता है कि स्वच्छ पेयजल इन घरों तक पहुंचाया जाए.

Source: Different News Website