आखिर देश में क्यों और कैसे बर्बाद हो रहा है कोरोना का टीका?

कोरोना वैक्सीन की बर्बादी अब देश के लिए एक चिंता का विषय बनती जा रही है. कुछ दिन पहले ही पीएम मोदी ने लोगों से अपील करते हुए कहा था कि कोरोना का टीका बर्बाद ना होने पाए! लेकिन किसी भी महामारी के बाद जब भी टीकाकारण का अभियान चलाया जाता है तो उसमें टीके के बर्बादी भी खूब होती है. इसके कई कारण होते हैं लेकिन अधिक बर्बादी देश को परेशान कर सकती है!

 सवाल ये उठता है की आखिर कैसे खराब होता है कोरोना का टीका? 

संदिग्ध मिलावट
शीशी में पानी घुसना
शीत श्रृंखला टूट जाना
समाप्ति तिथि पार होने पर
ताप के संपर्क में आने की स्थिति में
शीशी खुलने के बाद समय सीमा में खुराक का उपयोग नहीं होने पर
शीशी में उपलब्ध खुराक का शतप्रतिशत उपयोग न होना.

वैसे कुछ टीके एक्सपायर हो जाते हैं ऐसे टीकों का उपयोग प्राथमिकता में होनी चाहिए, कोल्ड चेन प्वाइंट्स, जिला वैक्सीन भंडारण केंद्र, वैक्सीन सेशन साइट पर किसी तरह की लापरवाही ना होने पाए! सरकार ने सलाह दी है कि जब तक 10 लाभार्थी टीकाकरण केंद्र पर मौजूद न हों तब तक शीशी न खोलें. एक शीशी खुलने पर १० लोगों को वैक्सीन लगाना होता है लेकिन कई जगहों से ऐसी खबरें सामने आ रही है कि स्वास्थ्य कर्मी एक सीसी में से ९ लोगों को ही वैक्सीन लगा पा रहे हैं.

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का सामना कर रहे भारत में पिछले 24 घंटों में बीमारी के 56,211 नए मामले दर्ज किए हैं. यह आंकड़ा एक दिन पहले के आंकड़ों से मामूली कम है। एक दिन पहले देश में 68,020 नए मामले सामने आए थे, जो इस साल के दैनिक मामलों की सबसे अधिक संख्या है.
वैक्सीन को लेकर ब्राजील के विदेश मंत्री एर्नेस्टो अराजो  ने कोरोना वैक्सीन की कमी के मुद्दे को लेकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन पर स्पूतनिक वैक्सीन सप्लाई को लेकर राजनयिक नाकामी के आरोप लगे थे, जिसके बाद लगातार उनकी आलोचना हो रही थी.