बारिश का पानी बहने से रोकें किसान भाई, कैच द रेन’ के जरिये मिलेगी सरकारी मदद

आज दुनिया बढ़ती आबादी और ग्लोबल वार्मिंग के कारण पानी की कमी से जूझ रही है. शहरों से लेकर गांव तक पानी की खपत तो ज्यादा है, लेकिन पानी हासिल करने के जरिये बेहद कम होते जा रहे हैं। वही धरती का जल स्तर भी तेजी से घट रहा है जो की आज पूरी दुनिया के लिए एक चिंता का विषय बना हुआ है। लगातार बढ़ती आबादी और पर्यावरण के साथ हो रहे खिलवाड़ के कारण ग्लोबल वार्मिंग से जुड़ी चिंताएं गहरा रही हैं। जहा कभी पानी पर्याप्त मात्रा में होता था वही अब भारत के कुछ इलाको में गर्मियों में पानी की समस्या से झूझना पड़ रहा है। बहुत बड़ी आबादी पानी की समस्या से जूझ रही है। यहां तक कि पीने का पानी भी मीलों दूर पैदल चल कर लाना पड़ता है।बचपन से हर किसी को यह बताया जाता है कि जल बचाना बहुत जरूरी है और जल ही जीवन का वाक्य हर किसी के जेहन में होता है। आज पानी को बचने के अनेक अभियान चलाये जा रहे है। इन सब के बीच मानसून का आगमन हो चूका है और भारत के कुछ इलाको में बारिश भी हो रही है। वही बारिश के पानी का संचय इस समस्या का एक बेहतरीन उपाए मन जा रहा है।  देशभर में इस तकनीक को बढ़ावा देने के लिये कई जागरुकता के कार्यक्रम भी चलाये जा रहे हैं।

अच्छी बारिश का अनुमान

दरअसल 2022 के मॉनसून के बारे में भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अनुमान लगाया है कि इस बार बंपर बारिश हो सकती है। आईएमडी के पूर्वानुमान के आधार पर वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर किसान भाई वर्षा जल संचयन यानी रेन वाटर हार्वेस्टिंग करें तो उनके खेतों के साथ-साथ शहरों में रहने वाली बड़ी आबादी को भी फायदा मिलेगा।

खेती किसानी के लिये अमृत

अगर बात करें ग्रामीण इलाकों की, तो यहां खरीफ फसलों की बुवाई की तैयारियां चल रही है. जिसके कारण आने वाले समय में सिंचाई के लिये बड़ी मात्रा में पानी की जरूर पडेगी. ऐसे में हमारे किसान भाई वर्षा जल संचयन की तकनीक को अपनाकर पानी की बढ़ती खपत को कम कर पायेंगे बल्कि बारिश के पानी से सिंचाई करके फसलों की बंपर पैदावार भी हासिल कर सकेंगे। रेन वाटर हार्वेस्टिंग यानी बारिश के पानी को बचाने की पहल करने पर किसान सिंचाई की दिक्कतों से मुक्त हो सकते हैं। बारिश के पानी को बचाने का उपाय करने के लिए सरकार भी किसानों की मदद कर रही है।

भारत सरकार की योजनायें

भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा गांव और शहरों में वर्षा जल संचयन के लिये ‘कैच द रेन’ अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान का मुख्य उद्देश्य बारिश के पानी को जलाशयों में इकट्ठा कर लिया जाये. इस अभियान के तहत पानी को जमा करने के लिये संरचनाओं का निर्माण, मौजूदा तालाबों और जल निकायों का जीर्णोद्धार, नए जलाशयों का निर्माण और चेक डैम की व्यवस्था करना शामिल है। इस काम में ग्रामीण विकास मंत्रालय की मनरेगा योजना के तहत कई गांवों में पानी को इकट्ठा करने से जुड़े काम किये जा रहे हैं. इस अभियान में बारिश के पानी के लिये ढांचों को बनाने के साथ-साथ फसल विविधीकरण, वनरोपण और जरूर के अनुसार पानी के इस्तेमाल के प्रति समाज को जागरुक करने की जिम्मेदारी भी शामिल है।

वर्षा जल संचयन है बेहतरीन तरकीब

गर्मी में वैसे भी पानी की खपत बढ़ जाती है, लेकिन जहां पानी की किलत हो वहा वर्षा जल संरक्षण एक बेहतरीन तरकीब है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग किसानों के साथ साथ बड़ी संख्या में आम लोगों की समस्या का भी निदान कर सकता है। लगातार फैल रहे कंक्रीट के जंगलों के कारण भूगर्भ जलस्तर गिरता जा रहा है। ग्राउंडवाटर रिचार्ज नहीं हो रहा है। डीप बोरिंग के कारण वाटर लेवल रसातल में जा रहा है। कुछ इलाको में तो भूमि जल स्तर इतना गिर चूका है की ३०० या ४०० फ़ीट पर भी पानी नहीं मिल पाता। ऐसी विकट स्थिति में वर्षा जल संचयन की तकनीक काफी बेहतरीन साबित हो सकती है।