खतरा: आने वाला है साल का पहला चक्रवाती तुफान,भारत में मचा सकता है भारी तबाही

कोरोना महामारी के बीच एक और आफत देश में दस्तक देने वाला है. देश में साल 2021 का पहला चक्रवाती तूफान आने वाला है.मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, अगले कुछ दिनों में पूर्वी मध्य अरब सागर में एक चक्रवात बन सकता है.अनुमान है कि ये तूफान 17 और 18 को गुजरात में तबाही मचा सकता है.गुजरात के अलावा इसका असर लक्षद्वीप, केरल, कर्नाटक,गोवा और महाराष्ट्र में भी दिखाई दे सकता है. इसके कराण 14 से 16 मई के बीच केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, और महाराष्ट्र समेत कई इलाकों में भारी बारिश हो सकती है. 15 और 16 मई से महाराष्ट्र के तटों पर भारी बारिश होगी. वहीं, मुंबई और आसपास के इलाकों में 17-19 मई के बीच भारी बारिश की संभावना है. जबकि, गुजरात के कई हिस्सों में 18 से 21 मई तक और 13 से 15 मई के बीच तमिलनाडु में बारिश होगी.

Cyclone Tauktae 2021: कोरोना संकट के बीच मंडराया 'साइक्लोन' का खतरा, जानिए  भारत में कब और कहां देगा दस्तक? | First cyclone of 2021 likely to form over  Arabian Sea on May

मौसम विभाग के भविष्यवाणी के बाद गुजरात के सीएम विजय रूपाणी ने इस मामले को लेकर एक बैठक की. बैठक में तटीय जिलों के अधिकारियों को चौकस रहने और जरूरी उपाय करने का निर्देश दिया.दूसरी ओर मौसम के खराब रहने की वजह से केरल सरकार ने सभी लोगों से केरल आपदा प्रबंधन की ओर से जारी सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया है. आईएमडी ने मछुआरों को गहरे समंदर में नहीं जाने और तट पर लौट आने की सलाह दी है.

आपको बता दें कि इस साल के पहले चक्रवाती तूफान का नाम ‘ताऊ ते’ रखा गया है. ये देश के पश्चिमी तट से टकरा सकता है. भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, 14 मई की सुबह दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है, जिसके बाद ये 16 मई के करीब एक चक्रवाती तूफान के रूप में तेज हो सकता है. इसके 19-20 मई को गुजरात के सौराष्ट्र-कच्छ तट पहुंचने की संभावना है.

2021 के पहले चक्रवात को लेकर अलर्ट जारी, ''तौकते'' नाम का यह तूफान मचा सकता  है भारी तबाही - alert issued for first cyclone of 2021-mobile

इसके मद्देनजर भारतीय मौसम विभाग ने 15-16 मई को लक्षद्वीप द्वीपसमूह के निचले इलाकों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है. मौसम विभाग का कहना है कि दक्षिण-पूर्व अरब सागर और समीपवर्ती लक्षद्वीप-मालदीव क्षेत्र और भूमध्यरेखीय हिंद महासागर में समुद्र की स्थिति शुक्रवार-शनिवार को बहुत बदल जाएगी.

Bhola in 1970 and cyclone in 1999 were very dangerous, many storms caused  havoc | 1970 में आया भोला और 1999 में आए तूफान रहे बेहद खतरनाक, कई तूफानों  ने मचाई तबाही |

मौसम विभाग के अनुसार अगले एक-दो दिनों में इसके रुख को लेकर और बेहतर जानकारियां हासिल हो सकेंगी. लेकिन अगर14 मई को कम दबाव का क्षेत्र विकसित होने के बाद चक्रवात का नाम ‘तौकते’ रखा जाएगा. इसका मतलब है तेज आवाज करने वाली छिपकली.