‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम की तर्ज पर ही राममंदिर भूमि पूजन का होगा कार्यक्रम! पीएम मोदी होंगे शामिल

पांच अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या जाएंगे और श्री राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि भूजन भी करेंगे. कोरोना के कारण इस कार्यक्रम में अधिक लोग शामिल तो नही हो पायेंगे लेकिन इस कार्यक्रम को भव्य बनाने की तैयारी शुरू कर दी गयी है. अमेरिका के हृयूस्टन में सितंबर 2019 हुए ‘हाउडी मोदी’ के कार्यक्रम की तर्ज पर ही राममंदिर भूमि पूजन के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जायेगा. साथ ही साथ अयोध्या-फैजाबाद से जुड़े शहरों में दर्जनों स्थानों पर एलईडी टीवी के माध्यम से कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जायेगा.

रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास के प्रतिनिधि महंत कमल नयन दास बताते हैं कि प्रधानमंत्री श्री मोदी स्वयं राम मंदिर निर्माण के लिए लालायित थे। उन्होंने बताया कि ट्रस्ट की पहली बैठक के बाद 20 फरवरी को प्रधानमंत्री से भेंट करने गए सभी पदाधिकारियों को शुभकामना दी थी और स्वयं भूमि पूजन में आने की इच्छा भी जताई थी। वे बताते हैं कि उसी समय से आयोजन की भूमिका तय होने लगी थी. पीएमओ से हरी झंडी मिलने के बाद कार्यक्रम 30 अप्रैल को निश्चित हुआ था लेकिन कोरोना के कारण इसे टाल दिया गया. अब पांच अगस्त को पीएम मोदी के अयोध्या दौरे का कार्यकाम तय किया गया है. भूमिपूजन के पूरे कार्यक्रम का लोग सीधा प्रसारण देख पायेंगे. इसके साथ ही कई संस्थाओं द्वारा अयोध्या के लोगों से पांच जुलाई को दीपावली जैसा त्यौहार मनाने की अपील भी गयी है.
कोरोना वायरस के कारण सोशल डिस्टेसिंग की पाबंदी के कारण सीमित संख्या में ही लोगों को आमंत्रित किया जाएगा. बावजूद इसके सभी रामभक्त स्वयं को कार्यक्रम में शामिल महसूस कर सकें, इसकी योजना बनाई जा रही है.

 

वहीँ राममन्दिर का नया डिजाइन भी सामने आ गया है. अब राम मंदिर दो नहीं बल्कि तीन मंजिला होगा, जिसकी ऊंचाई 161 फीट, चौड़ाई 235 फीट और लंबाई 360 फीट होगी. मंदिर का मूल लुक लगभग वही रहेगा. तीन शिखर और होंगे. साइड में दो और आगे की ओर एक और शिखर बनेगा, जिसे मिलाकर अब मंदिर में पांच शिखर होंगे. राम मंदिर की पहले ऊंचाई 128 फीट थी, जो अब 161 फीट हो गई है. तीन मंजिला (तल) बनने वाले मंदिर में 318 खंभे होंगे. हर तल पर 106 खंभे बनाए जाएंगे. राम लला का मंदिर जमीन से 17 फीट की ऊंचाई पर होगा. दूसरी मंजिल पर राम दरबार होगा. करीब 69 एकड़ भूमि पर पांच शिखर वाला मंदिर दुनिया में कहीं नहीं है.