Gobar-Dhan Plant: इंदौर में बना एशिया का सबसे बड़ा बायो सीएनजी प्लांट, जानें इसकी खासियत
देश के सबसे साफ शहरों की लिस्ट में इंदौर शहर अभी भी टॉप पर बरकरार है. वहीं अब इंदौर में कचरे से बायो सीएनजी बनाने का प्लांट स्थापित किया गया है. इस प्लांट का उद्घाटन शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअली किया है. यह प्लांट एशिया का सबसे बड़ा बायो सीएनजी प्लांट है. तो चलिए जानते है इसकी विशेषता-
1.150 करोड़ की लागत से बना यह प्लांट प्रतिदिन 550 मीट्रिक टन गीले कचरे का निपटान होगा, जिससे 17 हजार 500 किलोग्राम बायो सी.एन.जी. गैस और 100 टन उच्च गुणवत्ता की आर्गेनिक कम्पोस्ट का उत्पादन होगा.
2.इस प्लांट से उत्पन्न होने वाली बायो सी.एन.जी. में से 50 प्रतिशत गैस नगर निगम, इंदौर को लोक परिवहन की संचालित बसों के उपयोग के लिए उपलब्ध होगी. शेष 50 प्रतिशत गैस विभिन्न उद्योग एवं वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को बेची जा सकेगी.
3.ये बायो सीएनजी प्लांट पी.पी.पी. मॉडल पर आधारित है.
4.इंदौर में यह सीएनजी प्लांट देवगुराड़िया ट्रेंचिंग ग्राउंड में स्थापित किया गया है.
5.यह संयंत्र प्रधानमंत्री की वेस्ट-टू-वेल्थ की अवधारणा को साकार करने और स्वच्छता के क्षेत्र में नवाचार के उद्देश्य से स्थापित किया गया है.
6.यह प्लांट पूरे एशिया महाद्वीप में जैविक अपशिष्ट से बायो सी.एन.जी का सबसे बड़ा और देश का पहला प्लांट है.
7.इस योजना के तहत पशुओं के अपशिष्ट, पत्तियों और अन्य ठोस कचरे को कम्पोस्ट, बायो-गैस और बायो-सीएनजी में बदला जाएगा.
8.इसके अलावा इस परियोजना से कई पर्यावरण संबंधी लाभ होने की उम्मीद है, जैसे – ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी, उर्वरक के रूप में जैविक खाद के साथ साथ हरित ऊर्जा प्रदान करना
इंदौरा में ठोस कचरा पर आधारित इस प्लांट का नाम गोबर धन प्लांट रखा गया है. इस योजना के तहत कई गांवों में कई प्लांट लगाए जाएंगे. इन बायो प्लांटों को ग्रामीण परिवार, ग्रामीण परिवारों का समूह सरकार की मदद से स्थापित कर सकता है. ठोस कचरे का प्रबंधन कर स्वच्छ ऊर्जा की प्राप्त इस परियोजना का मुख्य उद्येश्य है. योजना के तहत सरकार किसानों से गोबर खरीद कर उसे खाद, बायो-गैस और बायो-सीएनजी में परिवर्तित करेगी.
बता दें कि देश में बायो गैस को प्रोत्साहित करने के उद्येश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इंदौर के गोबर धन प्लांट का वर्चुअली उद्घाटन किया.