International Day of Forests 2021: वनों पर आधारित है 1.6 बिलियन लोगों का जीवन, जानें वनों को कैसे बचाएं
वनों के बिना हम मानव जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते. इसी मद्देनजर लोगों को इसके संरक्षण के लिए जागरूक करने के लिए 21 मार्च को विश्व भर में ‘अंतरराष्ट्रीय वन दिवस’ मनाया जाता है. आज के दिन पूरी दुनिया में कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. बता दें कि 28 नवंबर 2012 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने हर साल 21 मार्च को अंतरराष्ट्रीय वन दिवस के रूप में मनाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था.
इस दिन को विश्व भर में सभी तरह के वनों के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने और इनके महत्व को समझाने के लिए मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार दुनिया के लगभग 1.6 बिलियन लोग अपने भोजन, आवास और दवाईयों के साथ-साथ आजीविका के लिए सीधे तौर पर वनों पर निर्भर करते हैं. हर साल दुनियाभर में लगभग 10 मिलियन हेक्टेयर वन काम होता है जो कि वायु परिवर्तन का मुख्य कारण है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार हम जिन दवाइयों का इस्तेमाल करते हैं उनमें से 25 प्रतिशत इन्हीं वनों से मिलती हैं.
वही अगर भारत की बात करें तो इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट 2019 के मुताबिक, देश में कुल 7 लाख 12 हजार 249 वर्ग किलोमीटर फॉरेस्ट कवर यानी वन क्षेत्र है. ये आंकड़ा देश के भौगोलिक क्षेत्र का 21.67 प्रतिशत है. जबकि 95,027 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में ट्री कवर है. ये देश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 2.89 प्रतिशत है. रिपोर्ट में देश के पांच उन राज्यों को शामिल किया गया है, जहां सर्वाधिक वन क्षेत्र बढ़ा है. इनमें कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, केरल, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं.कर्नाटक में 1025 वर्ग किलोमीटर, आंध्र प्रदेश में 990 वर्ग किलोमीटर, केरल में 823 वर्ग किलोमीटर, जम्मू-कश्मीर में 371 और हिमाचल प्रदेश में 334 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र बढ़ा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सिर्फ पूर्वोत्तर के पांच राज्यों और पुडुचेरी को छोड़कर अन्य सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वन क्षेत्र बढ़ा है.
लेकिन सोचने वाली बात ये है कि साल 2017 में जारी इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट के मुकाबले भारत के वन क्षेत्र में साल 2019 में महज 0.13 फीसद का ही इजाफा हुआ है.1988 की राष्ट्रीय वन नीति में देश के कुल भूभाग का 33 फीसद हिस्सा में वन क्षेत्र लाने की है. ऐसे में इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हम सब को मिलकर साथ आना होगा और पौधारोपण में ज्यादा से ज्यादा सहयोग देना होगा.वनों के महत्व को समझना होगा और इसकी रक्षा करनी होगी..तभी इस लक्ष्य को हम सब पा सकते है और वातावरण को स्वच्छ और साफ बना सकते है….