क्या सच में वैक्सीन में मिलाया जा रहा है बछड़े का खून! पढ़िए पूरी जानकारी एक साथ
कोवैक्सिन बनाने में गाय के बछड़े के सीरम का इस्तेमाल किया जाता है और सीरम को पाने के लिए 20 दिन से भी छोटे बछड़े की हत्या की जाती है.. ऐसे कई दावे सोशल मीडिया पर किये जा रहे हैं.. लेकिन बात तब बड़ी हो जाती है जब कोई ऐसा व्यक्ति इस तरह का दावा करे जो किसी प्रतिष्ठित पार्टी से जुड़ा हो, बड़ा नाम हो, और उससे भी बड़ी बात कि जिम्मेदार व्यक्ति हो… आपको बता दें कि ये दावा कांग्रेस के नेशनल कॉर्डिनेटर गौरव पांधी ने भी बुधवार को किया है। उन्होंने दावा किया है कि ये जानकारी विकास पाटनी नाम के व्यक्ति की RTI पर सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने दिया है।
गौरव ने एक वीडियो मैसेज के जरिए केंद्र की बीजेपी सरकार पर लोगों की भावनाओं को आहत करने के आरोप लगाए हैं. पांधी ने कहा कि सरकार ने मान लिया है कि भारत बायोटेक की वैक्सीन में गाय के बछड़े का सीरम शामिल है. यह बहुत बुरा है. इस जानकारी पहले ही लोगों को दी जानी चाहिए थी.
गौरव समेत उन सभी लोगों के जिन्होंने इस तरह के आरोप लगाए हैं उनका जवाब स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिया, बीजेपी ने प्रहार किया और सीएम इंस्टिट्यूट ने सफाई.
In an RTI response, the Modi Govt has admitted that COVAXIN consists Newborn Calf Serum …..which is a portion of clotted blood obtained from less than 20 days young cow-calves, after slaughtering them.
THIS IS HEINOUS! This information should have been made public before. pic.twitter.com/sngVr0cE29
— Gaurav Pandhi (@GauravPandhi) June 15, 2021
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि सोशल मीडिया पर कोवैक्सिन के बारे में गलत जानकारी शेयर की जा रही है। पोस्ट में तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। नवजात बछड़े के सीरम का उपयोग सिर्फ वेरो सेल्स को तैयार करने में किया जाता है, जो बाद में अपने आप ही नष्ट हो जाते हैं। जब अंतिम समय में वैक्सीन का प्रोडक्शन होता है, तब इसका उपयोग नहीं किया जाता है।
वेरो कोशिकाओं (Vero Cells) का उपयोग कोशिका जीवन को स्थापित करने के लिए किया जाता है जो टीकों के उत्पादन में मदद करते हैं. पोलियो, रेबीज और इन्फ्लुएंजा के टीकों में दशकों से इस तकनीक का उपयोग किया जा रहा है.’ इन वेरो कोशिकाओं (Vero Cells) को वृद्धि के बाद Calf Serum से मुक्त यानी साफ करने के लिए कई बार पानी और केमिकल से धोया जाता है.
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस के आरोपों को प्रोपेगेंडा करार दिया है। हिंदुस्तान और विश्व कोविड से लड़ रहा है, लेकिन कांग्रेस पार्टी वैक्सीन ड्राइव में भ्रम फैला रही है। कांग्रेस ने महापाप किया है और कोवैक्सिन को लेकर भ्रम फैलाया है। कोवैक्सिन में गाय के बछड़े का खून होने की बात कांग्रेस कर रही है। सोशल मीडिया में है कि इसके लिए गाय का कत्ल किया जा रहा है। पात्रा ने कहा कि वैक्सीन बनाने में वेरोसेल का इस्तेमाल किया जाता है, जो कि एक तरह से खाद का काम करता है
भारत बायोटेक का कहना है कि कोवैक्सीन पूरी तरह से शुद्ध वैक्सीन है, जिसे सभी अशुद्धियों को हटाकर तैयार किया गया है. बछड़ों के सीरम का इस्तेमाल वैक्सीन के निर्माण के लिए कई दशकों से दुनियाभर में किया जा रहा है. पिछले करीब नौ महीने से इसके बारे में सार्वजनिक प्लेटफॉर्म पर जानकारी दी जा चुकी है..
BJP Govt should NOT betray the faith & belief of people, if Covaxin or any other vaccine consists of cow-calf serum, then people have the right to know.
Vaccines are the life line today and everyone must get vaccinated (as & when available) keeping faiths & beliefs aside. 💉 pic.twitter.com/Khplk3iOb6
— Gaurav Pandhi (@GauravPandhi) June 16, 2021
हां दैनिक भास्कर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक़ , वैक्सीन के लिए पहले गर्भवती गाय के भ्रूण का सीरम जरूर लिया जाता था इसके लिए गाय की हत्या करके फिर भ्रूण से ब्लड निकालकर लैब में भेजा जाता था। यहां ब्लड से सीरम अलग किया जाता था। लेकिन इस प्रोसेस में जानवरों के साथ निर्दयता को देखने क बाद वैज्ञानिकों ने नवजात बछड़ों का सीरम निकालना शुरू कर दिया। अब 3 से लेकर 20 दिन तक के बछड़े के ब्लड से सीरम निकालकर उसे उपयोग में लिया जाता है।
इतना ही नही हॉर्सशू क्रैब का खून कोविड-19 की वैक्सीन डेवलप करने के काम भी आ रहा है। इनका नीला खून ये सुनिश्चित करने में मदद करता है कि कहीं ड्रग में कोई खतरनाक बैक्टीरिया तो नहीं है। ये पृथ्वी पर मौजूद सबसे पुराने जानवरों में से एक है. ये जानवर 450 मिलियन यानी 45 करोड़ साल से अमेरिका और साउथ एशिया के तटों पर पाया जाता है. कहाँ जाता है जब 45 करोड़ सालों के दौरान, धरती पर आई जिन आपदाओं ने डायनासोर तक को खत्म कर दिया उन आपदाओं से भी ये जानवर बच निकला था… जिसे जीवित खनिज भी कहा जाता है.