उज्बेकिस्तान में PM मोदी, पुतिन से होगी मुलाकात, वैश्विक मुद्दों पर होगी चर्चा

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के लिए पहुंच चुके हैं. SCO समिट उज्बेकिस्तान के समरकंद शहर में हो रहा है।  शिखर सम्मेलन में पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव से मुलाकात की। पीएम मोदी जब उज्बेकिस्तान पहुंचे तो उनके समकक्ष अब्दुल्ला अरिपोव, वरिष्ठ मंत्रियों, समरकंद के गवर्नर और अधिकारियों ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। इस शिखर सम्मेलन में क्षेत्रीय सुरक्षा चनौतियों, बिजनेस और पावर सप्लाई को बढ़ावा देने समेत कई अन्य मुद्दों पर चर्चा होनी है। इसमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग (Xi Jinping) भी भाग लेंगे. मोदी के समिट से अलग द्विपक्षीय बैठकें करने की भी उम्मीद है, जिसमें पुतिन और उज्बेक राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव सहित अन्य नेताओं से उनकी बातचीत होगी।

परिषद की यह 22वीं बैठक है

नई दिल्ली से उज्बेकिस्तान रवाना होने से पहले भी पीएम मोदी ने ट्वीट किया था। जिसमें उन्होंने कहा था, एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए समरकंद, उज्बेकिस्तान रवाना हो रहा हूं, जहां विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान होगा।’ शंघाई सहयोग संगठन के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद की यह 22वीं बैठक है।

आर्थिक रिश्तों पर जोर

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समरकंद में विभिन्न देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोजेव के साथ उनकी अलग से बैठक होनी है। इस दौरान द्विपक्षीय रिश्तों पर बातचीत होगी। उज्बेकिस्तान में भारतीय राजदूत मनीष प्रभात ने बताया कि एससीओ देशों के बीच आर्थिक सहयोग महत्वपूर्ण है।

भारत-रूस के बीच कई मुद्दों पर होगी बात

भारत और रूस के बीच SCO बैठक से इतर द्विपक्षीय वार्ता में कई मुद्दों पर बातचीत होगी। व्लादीमिर पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी की आपसी मुलाकात भारत के लिए बेहद अहम है, क्योंकि इंटरनेशनल मंचों पर कई जगह भारत को जल्द ही रूस के समर्थन की जरूरत होगी।  मोदी और पुतिन की बातचीत में निश्चित तौर पर UN, G20 व SCO जैसे अहम संगठनों में आपसी सहयोग का मुद्दा भी शामिल रहेगा. यह खासतौर पर अहम है, क्योंकि भारत दिसंबर में UNSC (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद) का अध्यक्ष बनेगा, जबकि साल 2023 में भारत SCO के नेतृत्व करेगा और G20 में चेयरमैन की भूमिका निभाएगा.

अजरबैजान-आर्मेनिया के राष्ट्राध्यक्ष भी होगें शामिल

समरकंद बैठक में ईरान, मंगोलिया, तुर्कमेनिस्तान और इन दिनों भीषण सैन्य लड़ाई में उलझे अजरबैजान व आर्मेनिया के राष्ट्राध्यक्ष भी आएंगे। इससे बैठक का और भी अधिक महत्वपूर्ण बन गया है। कोरोना वायरस (Corona Virus) महामारी शुरू होने के बाद दो साल में यह पहला मौका है, जब SCO देशों के राष्ट्रप्रमुख इस संगठन की बैठक में वर्चुअल नहीं बल्कि आमने-सामने बैठकर हिस्सेदारी करेंगे