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सर्दियों में सनस्क्रीन क्रीम लगाना क्यों है जरूरी, जानिए इसे कब-कब लगाएं

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सर्दियों में सनस्क्रीन क्रीम लगाना क्यों है जरूरी, जानिए इसे कब-कब लगाएं

हमें सर्दियों में जब धूप कम लगती है तो लगता है कि अब हमें सनस्क्रीन क्रीम की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। भले ही हमें सूरज की गर्मी का एहसास नहीं हो, लेकिन हमारी स्कीन को नुकसान पहुंचाने के लिए यह काफी है। आपको बता दें कि सूरज की किरणों में मौजूद यूवी और यूवीबी किरणें कैंसर तक को दावत दे सकती हैं।

सूरज की किरणें हमारे शरीर के लिए जरूरी है। यह हमें विटामिन डी प्रदान करती है, जो न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहद आवश्यक है, लेकिन सूरज की किरणें जब तीखी हों तो यह लाभदायक न होकर हानिकारक होने लगती हैं। ऐसे में बचाव बेहद जरूरी है। जानते हैं कि सूरज की तेज किरणों से हम कैसे बच सकते हैं -

सूर्य की तेज रोशनी से बचने के लिए छाया में अधिक से अधिक रहने के अलावा, स्कार्फ आदि का इस्तेमाल तो करना चाहिए, साथ ही सनस्क्रीन का इस्तेमाल भी करना चाहिए। इतना ही नहीं यह सनस्क्रीन क्रीम  30 या 30 से अधिक का एसपीएफ वाला होना चाहिए। जहां तक सवाल है कि सनस्क्रीन दिन में कितनी बार लगाएं, तो इसका जबाव है कि इसके लिए जरूरी है कि सनस्क्रीन घर से बाहर निकलने से 20 मिनट पहले यानी धूप के प्रभाव में आने से 20 मिनट पहले लगानी चाहिए। शरीर का जितना हिस्सा भी धूप के प्रभाव में आ सकता है, उस पर सनस्क्रीन लगाएं।  लंबे समय तक आउटडोर हैं तो हर दो से तीन घंटे बाद इसे लगाएं।

चाहे कोई भी मौसम हो चेहरे व शरीर के हरेक उस हिस्से पर सनस्क्रीन लगानी चाहिए जो उघड़ा है, यानी जो सूर्य की किरणों के प्रभाव में आ सकता है या आ रहा है। इसे सभी उम्र के लोगों को लगाना चाहिए, लेकिन ऐसे लोग जिन्हें इस क्रीम में मौजूद किसी खास तत्व से अलर्जी है तो वे इसका प्रयोग तुरंत बंद कर दें और किसी अच्छे डॉक्टर से मिलकर उससे अपनी त्वचा के मुताबिक सूर्य की किरणों से बचाने के लिए सनस्क्रीन बाबत सलाह लें। आपको बता दें कि एक अच्छी सनस्क्रीन स्किन को डैमेज होने से बचाती है। साथ  ही सनस्क्रीन फोटो एजिंग से बचाती है. फोटो एजिंग एक प्रकार से स्किन में प्रीमैच्योंर एजिंग को कहते हैं। सूरज की हानिकारक किरणें न सिर्फ त्वचा की रंगत को बिगाड़ती हैं, बल्कि त्वचा पर झुर्रियां और पिंपल्स जैसी समस्याएं पैदा करती है।