

बच्चे की इच्छा रखने वाले लेकिन नैचुरल तरीके से मां बाप ना बन पाने वाले लोग बड़ी संख्या में IVF का सहारा ले रहे हैं. IVF यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (in Vitro fertilization) की प्रक्रिया ने कई लोगों को माता पिता बनने का सुख दिया है. इससे जुड़े कई ऐसे सवाल भी हैं, जो लोगों के मन में रहते हैं और अक्सर लोगों के मन में यह सवाल होता है कि क्या IVF प्रक्रिया से हमेशा जुड़वा बच्चे ही पैदा होते हैं. IVF एक्सपर्ट और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ प्रमोदिता अग्रवाल ने बताया कि IVF से जुड़वा बच्चे पैदा होने के पीछे एक लॉजिक है.
क्या है IVF का प्रोसेस
IVF के दौरान पुरुष के sperm और महिला के egg लिए जाते हैं. मान लीजिए 10 sperm और 10 egg लिए गए. इनसे embryo बनाने की प्रकिया शुरू की जाती है. अब ऐसा जरूरी नहीं है कि सभी embryo पुरी तरह विकसित हो ही जाएंगे.
अधिक embryo डालने का उद्देश्य
अगर 5 embryo भी पुरी तरह विकसित हो जाते हैं तो उन्हें Uterus में डाला जाता है. इसके बाद भी जरूरी नहीं है कि यह 5 embryo शिशु का रूप ले सकें. अधिक embryo डालने का उद्देश्य यह होता है कि IVF का जो सक्सेस रेट है वह बढ़ जाए.
जुड़वा बच्चे होने का कारण
इसके बाद पेशेंट को बताया जाता है कि कितने embryo विकसित हो गए हैं और इसके बाद पेशंट से चर्चा करने के बाद अंतिम फैसला लिया जाता है और अक्सर इस प्रक्रिया में जुड़वा बच्चे होते हैं.