

छोटी-छोटी आदतों में बदलाव किया जाय तो हम पर्यावरण को प्रदूषित होने से रोक सकते हैं। आज के तेज दौड़-भाग की जिंदगी में हमलोग अपनी जरूरतों को पूरा करते-करते प्रकृति-पर्यावरण को कब इतना बर्बाद कर दिया, ये पता ही नहीं चला। इतना ही नहीं, इसका खामियाजा हमें भी भुगतना पड़ता है। अब हमें पर्यावरण को बचाने के लिए हर व्क्यक्ति को छोटी - छोटी आदतों में बदलाव करना होगा। इससे एक तरफ पर्यावरण की सुरक्षा होगी तो दूसरी तरफ मानव जीवन पर खतरा भी कम होंगे। आईये जानते हैं कि हमें अपनी किन आदतों में सुधार करना होगा-
अपनी बिजली का इस्तेमाल कम करना पर्यावरण की सुरक्षा का एक आसान तरीका है। इसके साथ ही पेड़ लगाएं और उसकी देखभाल करें। .
RO की जगह UF या UA वॉटर प्यूरिफायर करें। RO पानी से जरूरी मिनरल हटा देता है और एक तिहाई पानी बर्बाद होता है। स्टिक की बोतलों या कंटेनरों में बिकने वाले प्रॉडक्ट्स को न खरीदें। बोतल के पानी का कम से कम इस्तेमाल करें। होटलों में अगर पानी साफ और फिल्टर्ड है तो वही इस्तेमाल करें।
किचन के सामान के साथ बार-बार पेपर नैपकिन न खरीदें। इसके बदले कपड़े के रुमाल का प्रयोग करें। थोड़े समय के लिए उपयोग वाले सामान दोस्तों से मांग लें
अगर आपको कोई सामान कुछ समय के लिए ही चाहिए तो उसे खरीदने की बजाय दोस्तों से मांग लें। किताब, मूवी और कपड़े भी अगर आपको एक ही बार पहनने के लिए चाहिए, तो उन्हें दोस्तों से मांगना ही ठीक रहेगा।
घर के सामान और सब्जियां थोक में खरीद लें जिससे बार-बार पैकेजिंग न करनी पड़े। बाजार से सामान लेने पर हर बार सामान पॉलिथिन में लाने की बजाय इस थैले में ही लाएं।
बार-बार रूम फ्रेशनर डालने से अच्छा है कि कुछ देर कमरे के दरवाजे और खिड़कियां खोल दें। घर पर किसी सेलिब्रेशन के लिए डिस्पोजेबल प्लेट्स की जगह घर के बर्तन का या फिर पत्तलों का इस्तेमाल करें। सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग करने से बचें।