लॉकडाउन में मजदूरों की सहायता कर मिशाल पेश कर रही हैं ये बुजुर्ग महिला

जब भारत में लॉकडाउन का एलान हुआ तब कई कारोबारियों ने सामानों के रेट बढ़ा दिए, अपना गोदाम सामानों से भर लिए. ताकि उनकी अच्छी कमाई हो सके और आम लोगों को लूट सकें. अभी लॉकडाउन चल ही रहा है लेकिन कई जगहों पर जमकर कालाबाजारी चल रही है और लोगों की मजबूरी का जमकर कुछ लोग फायदा उठा रहे हैं.

हालाँकि इसी बीच कुछ ऐसे लोग भी है जो मानवता की मिशाल पेश कर रहे हैं. कई लोग भूखे को खाना खिला रहे हैं तो कुछ सडकों पर लोगों के रहने का इंतजाम कर रहे हैं लेकिन इसी बीच तमिलनाडु (Tamilnadu) के कोयंबटूर में एक 85 साल की महिला 1 रुपये में इडली (Idli) बेच रही हैं. महिला का नाम कमलाथल है. वह पिछले 30 सालों से 1 रुपये में इडली बेंट रही हैं.

एक मीडिया संस्थान से बातचीत करते हुए कमलाथल ने कहा, कोरोना शुरू होने के बाद से स्थिति थोड़ी कठिन है, लेकिन मैं 1 रुपये में इडली देने की पूरी कोशिश कर रही हूं. उन्होंने कहा, कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण कई प्रवासी मजदूर यहां पर फंस गए. इसलिए वर्तमान में ज्यादा लोग यहां पर खाने के लिए आ रहे हैं. ऐसे में मैं उन्हें 1 रुपये में इडली दे रही हूं, ताकि वो लोग अपना पेट भर सकें.

सोशल मीडिया पर बंटोरी सुर्खियां
कमलाथल की कहानी पिछले साल सामने आई थी. पिछले साल उनकी 1 रुपये में इडली बेचे जाने की कहानी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थी. सोशल मीडिया यूजर्स का कहना था कि किसी की मदद करने के लिए उम्र मोहताज नहीं होती है.

महिला जरूरतमंदों को 1 रुपये में इडली दे सके इसके लिए कई लोग मदद के लिए आगे आए हैं. 1 रुपये में इडली के साथ सांभर और चटनी भी परोसी जाती है. रिपोर्ट के मुताबिक़, गांव वाले लॉकडाउन के चलते अपना ब्रेकफास्ट स्किप कर रहे थे. लिहाज़ा, इडली सुबह 7 से 9 बजे तक बेची जाती है.

पर्यावरण पोस्ट ऐसे लोगों को सलाम करता है.