लद्दाख के प्रशासन ने किया हिम तेंदुए को राज्य पशु और काली गर्दन वाली क्रेन को राज्य पक्षी घोषित
जम्मू और कश्मीर राज्य के पुनर्गठन के लगभग दो साल बाद, लद्दाख के प्रशासन ने हिम तेंदुए को राज्य पशु और काली गर्दन वाली क्रेन को राज्य पक्षी घोषित कर दिया है. इस संबंध में केंद्र शासित प्रदेश के वन, पारिस्थितिकी और पर्यावरण द्वारा एक अधिसूचना भी जारी की गई थी. अधिसूचना में लद्दाख के उपराज्यपाल आरके माथुर के हवाले से हिम तेंदुए (स्नो लेपर्ड) व काली गर्दन वाले सारस (ब्लैक नेक क्रेन) को अधिसूचना जारी होने के दिन से मान्यता दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं.
काली गर्दन वाला सारस, जो कि जम्मू-कश्मीर का राज्य पक्षी भी था, ये सिर्फ भारत के राज्य लद्दाख में ही पाया जाता है. धारा 370 हटने से पहले यानी कि पुराने जम्मू-कश्मीर का राज्य पशु हंगुल थाऔर लद्दाख का भी राज्य पशु हंगुल ही था लेकिन अब दोनों केन्द्रशासित प्रदेश बन गये हैं तो दोनों ही राज्य अपने अपने राज्य पशु और राज्य पक्षी का चुनाव कर रहे हैं.
काली गर्दन वाला सारस का वजन 6 से 8 किलोग्राम तक होता है। इसके सिर पर चमकदार लाल रंग का ताज होता है। आमतौर पर यह पक्षी जोड़ों में देखा जाता है। इनके प्रेमालाप नृत्य से ही लद्दाख का लोक नृत्य प्रभावित है। इस पक्षी की ऊंचाई लगभग 1.35 मीटर है, पंखों का फैलाव लगभग 2-2.5 मीटर है. वहीँ लद्दाख में विलुप्त हो रहे हिम तेंदुए बेखौफ घूमते हैं। यहां इनका कोई शिकार नहीं करता। लद्दाख में इन्हें ‘शान’ के नाम से पुकारा जाता है। यही वजह है कि यहां इनकी संख्या अन्य राज्यों के मुकाबले काफी अधिक है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणांचल प्रदेश में हिम तेंदुए की संख्या 600 के करीब बताई जाती है जबकि लद्दाख में इनकी संख्या 400 के करीब है. तो लद्दाख ने हिम तेंदुए को राज्य पशु और काली गर्दन वाली क्रेन को राज्य पक्षी घोषित कर दिया है. आपको ये खबर कैसे लगी..