पाकिस्तानी सरकार की जिद बनी आवाम के लिए मुसीबत, लोगो ने किया चाय छोड़ने का फैसला
आजकल खबरों में अपने पाकिस्तान की कमरतोड़ महंगाई के बारे में तो सुना ही होगा. जी हां पाकिस्तान की गरीबी दास्ताँ तो सभी जानते हैं लेकिन अब पाकिस्तान में चाय के लिए भी लोग तरस गये हैं. वहां के लोगो का जीना बद से बदतर होता जा रहा हैं.
बीते पिछले एक साल के अन्दर पाकिस्तान में बेतहाशा महंगाई देखने को मिली है. सिर्फ शहरों के अंदर ही नही बल्कि पाकिस्तान के हर छोटे बड़े गाँव में इस बढती महंगाई का असर दिखा हैं वह पर रोजमर्रा की चीजों की कीमतों में आये दिन में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. अब आलम ये हो गया हैं. कि पाकिसतान के लोगों के लिए चाय को पीना भी मुस्किल हो गया हैं. उनके लिए चाय का स्वाद भी अब फीका पड़ चुका है. भारत के साथ अपने रिश्ते पाकिस्तान पहले ही ख़राब कर चूका हैं. अगर पाकिस्तान चाहता तो उसे भारत से सस्ते में चीनी मिल जाती लेकिन उसने इसी साल भारत से आयात करने से इनकार कर दिया था.
पाकिस्तान में रहने वाले एक शख्स का कहना था कि दूध के दाम 105 से बढ़कर 120 रूपए प्रति लीटर हो गये हैं. इसके अलावा चायपत्ती की कीमत 800 से 900 रूपए और गैस सिलेंडर के दाम 1500 से 3000 रुपए तक पहुच गये हैं. इस चायवाले ने बताया कि उसकी रोजमर्रा की कमाई इसे बुरी तरह से प्रभावित हुई है जिसके चलते उशे उसके पास चाय के दाम बढ़ाने के अलावा कोई और चारा नहीं था. पाकिस्तान में ही रहने वाले एक शख्श अब्दुल अजीज चायवाले ने कहा कि मेरी एक दिन की टोटल कमाई 2600 रूपए थी. लेकिन जब मैंने अपना पूरा मुनाफा जोड़ा तो मैं सिर्फ 15 रूपए फायदे में था. इससे मेरा बिल्कुल गुजारा नहीं हो पा रहा था. इसलिए मैंने चाय के दामों को बढ़ाने का फैसला किया है.
पाकिस्तान में गरीबों पर महंगाई की मार सबसे ज्यादा पड़ी हैं. चाय के दामों में बढ़ोतरी का सबसे ज्यादा असर छोटे टी शॉप बिजनेस पर पड़ा है. क्योंकि चाय की कीमत बढ़ने से कई रेग्युलर कस्टमर्स ने चार या तीन कप की जगह, तीन या दो कप पीना शुरू कर दिया है. वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने महंगाई से परेशान होकर पूरी तरह से चाय को छोड़ने का फैसला कर लिया हैं.
पाकिस्तानी सरकार की जिद आवाम के लिए मुसीबत बन गयी हैं आपको बता दें कि पाकिस्तानी सरकार की जिद के चलते इस देश की आवाम को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. कुछ समय पहले ही ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ऑफ पाकिस्तान द्वारा इंपोर्ट की गई 28,760 मीट्रिक टन चीनी की एक खेप पाकिस्तान पहुंची है. इस चीनी के लिए पाकिस्तान ने लगभग 110 रूपए प्रति किलो का भुगतान किया है. वहीं, पिछले साल जब टीसीपी ने एक लाख टन चीनी का इंपोर्ट किया था तब ये कीमत लगभग 90 रूपए प्रति किलो थी. भारतीय अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तान अगर चाहता तो उसे भारत से चीनी काफी कम कीमत में मिल सकती थी. लेकिन पाकिस्तान ने अपनी निजी दुश्मनी को आगे रखकर भारत के साथ आयात नहीं करके वहां की आवाम की मुसीबतों को बढ़ा दिया.
आपको बता दें कि पाकिस्तान ने इस साल अप्रैल महीने में भारत से चीनी के आयात के लिए इनकार कर दिया था. पाकिस्तान का कहना था कि भारत जब तक कश्मीर में आर्टिकल 370 बहाल नहीं करता है तब तक पाकिस्तान चीनी और गेहूं जैसे जरूरी सामानों के इंपोर्ट के लिए भारत को मंजूरी नहीं दे सकता है. साल 2018 में रिलीज हुई विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत-पाकिस्तान अगर वीजा की कठिन पॉलिसी, हाई टैरिफ और जटिल प्रक्रियाओं को दूर कर लेते हैं तो भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार 2 अरब डॉलर्स से बढ़कर 37 अरब डॉलर्स तक जा सकता है.
STORY BY – UPASANA SINGH