संतरों से बनी बिजली से जगमगाया ये शहर! कैसे?
पानी, कोयला, हवा और लहरों से बिजली पैदा होते तो आपने देखा और सुना होगा। लेकिन क्या आपने कभी संतरे से बिजली पैदा होते हुए सुना है? नहीं ना..लेकिन दुनिया में एक ऐसी जगह भी है जहां संतरें से बिजली पैदा की जाती है. आइए जानते हैं ये जगह कौन सी है और यहां कैसे संतरे से बिजली पैदी की जाती है?
जहां संतरों से बिजली बनाई जा रही है वो जगह है स्पेन का शहर सवील..स्पेन के इस शहर में संतरों का उत्पादन बहुत ज्यादा और गुणवत्ता पूर्ण तरीके से किया जाता है, ऐसे में अब वहां पर संतरों से बिजली बनाई जा रही है. ये शहर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने संतरों के उत्पादन के लिए जाना जाता है. यहां के गुणवत्तापूर्ण संतरों की वजह से मार्मालेड, कॉन्ट्रियू और ग्रांड मरीनर जैसे ड्रिक्ंस बनते हैं. यहां के संतरे ताजे, खुशबूदार और बेहद एसिडिक फ्लेवर वाले होते हैं. लेकिन अब इनका उपयोग बिजली बनाने में किया जा रहा है. वह भी बड़े पैमाने पर.
सवील शहर की म्यूनिसिपल वाटर कंपनी ने कुछ दिन पहले ही ये प्रस्ताव रखा कि जो संतरे खराब हो जाते हैं, उनसे बिजली पैदा की जा सकती है. पहले तो लोगों को ये समझ ही नहीं आया. लेकिन कंपनी ने बताया कि हम खराब कड़वे संतरे का जूस निकाल लेंगे. उसके बाद बचे हुए पार्ट से कम्पोस्ट खाद बनाया जाएंगे. फिर उनका इस्तेमाल खेतों में किया जा सकता है. इस काम के लिए सवील की सड़कों पर पड़े, गलियों में फेकें, बाजारों में गिरे और खेतों से पड़े 35 टन खराब संतरों का उपयोग जाएगा.
इससे जो जूस निकलेगा उसे वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में भेज दिया जाएगा. वहां पर इसको बायोफ्यूल यानी जैविक ईंधन में बदलकर उनसे बिजली पैदा करने का काम किया जाएगा. इससे 150 घरों में बिजली की सप्लाई की जाएंगी. अब सवील के प्रशासन को इसके लिए 2.50 लाख यूरो यानी 22 लाख 12 हजार रुपए का निवेश करना होगा. इसके मद्देनजर उदाहरण के लिए छोटे स्तर पर खराब संतरों से बिजली बनाकर दिखाया जा चुका है.
सवील के मेयर जुआन एस्पाडास सेजस ने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत करते समय मीडिया से कहा कि अब स्पेन में Emasesa को रोल मॉडल की तरह देखा जा रहा है. क्योंकि ये कंपनी क्लाइमेट चेंज से लोगों को बचा रही है. हमारे ही उत्पाद से हमें बिजली और खाद बनाकर दे रही है. यह बेहद अनोखा प्रोजेक्ट है. इसके लिए मैं वाकई बहुत खुश हूं. एक रिपोर्ट के अनुमान के मुताबिक, संतरे के जूस से 1500 किलोवाट बिजली पैदा होने की उम्मीद है.
इलेक्ट्रॉनिक सामानों, घरेलू इस्तेमाल, फैक्ट्रियों और ट्रांसपोर्टेशन में बिजली का इस्तेमाल बढ़ गया है. जिसके चलते बिजली की मांग उसकी सप्लाई से कहीं ज्यादा हो गयी है. ऐसे में अब संतरे से बिजली बनाने की प्रक्रिया वाकई इस दिशा में एक बड़ी सफलता होगी और पर्यावरण के लिहाजें से भी ये कदम अच्छा साबित होगा.