54 सालों बाद मिला ये रहस्यमयी सांप, बेहद खतरनाक
एक रहस्यमयी सांप फिर से जंगलों में खोजा गया है.वो भी 54 सालों के बाद..ये सांप इक्वाडोर के जंगलों में दिखाई दिया है. इस सांप को गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजातियों की कैटेगरी में रखा गया है. पिछले पांच दशकों से इक्वाडोर में इस सांप को नहीं देखा गया था. लेकिन अब जाकर ये सांप यहां के जंगलों में दिखाई दिया है. इसका खुलासा तब हुआ जब दो जीव वैज्ञानिक(रॉस मेनार्ड और स्कॉट ट्रैगेसर) इन सांपों की खोज में इक्वाडोर के वर्षावनों में खोजबीन कर रहे थे.
बता दें कि जीव वैज्ञानिक रॉस मेनार्ड और स्कॉट ट्रैगेसर इक्वाडोर के एंडीस पर्वतों पर मौजूद रियो मांडूरिआचू रिजर्व में साल 2019 से सरिसृपों और उभयचरी जीवों(Reptiles and Amphibians) का सर्वे कर रहे थे. तभी उन्हें ये सांप दिखाई दिया.
पहली बार इस सांप को अमेरिकी बायोलॉजिस्ट चार्ल्स एम. फगलर ने 1929 में खोजा था. उन्हीं के नाम पर इसका बायोलॉजिकल नाम रखा गया है. इसका बायोलॉजिकल नाम इममोक्लोफिस फुगलेरी है. आम भाषा में इसे शैडो स्नेक कहते हैं. इसे शैडो स्नेक इसलिए कहते है क्योंकि ये आमतौर पर अंधेरे में रहता है. दिन की रोशनी में भी ये सांप अंधेरा खोजकर उसमें बैठा रहता है.ये अपना शिकार देखते ही फट से हमला कर देता है.
ज्यादातर शैडो स्नेक इक्वाडोर के वर्षावनों में पाए जाते हैं. या फिर रिहायशी इलाकों के आसपास मौजूद केले के खेतों में. आमतौर पर शैडो स्नेक ग्रे और काले रंग की त्वचा के साथ होते हैं. जो इन्हें छिपने में मदद करते हैं. ऐसा कहा जाता है कि अपने शिकार और शिकारी को धोखा देने के लिए कई बार ये सड़े हुए पत्तों के बीच छिपकर बैठ जाते हैं. इक्वाडोर के अलावा ये सांप कोलंबिया में भी पाए जाते हैं.
इस सांप की ज्यादातर प्रजातियों के खानपान के बारे में जैव विज्ञानियों को कोई जानकारी नहीं है. हालांकि कुछ बायोलॉजिस्ट्स का कहना है कि शैडो सांप मछली खाते हैं, मगर अभी तक इसका कोई प्रमाण नहीं मिला हैं.
शैडो स्नेक को लेकर कई देशों में तरह-तरह की धार्मिक मान्यताएं और कहानियां है. ऐसी मान्यता भी है जिसमें इन्हें शैतान का रूप भी कहा गया है. शायद इसलिए क्योंकि ये बेहद जहरीले होते हैं.