Weather Update: दिल्ली समेत उत्तर भारत के इन राज्यों पर पड़ेगा यास तूफान का असर, जानें आपके राज्य में कैसा रहेगा मौसम
देश अभी तौकते तूफान की कहर से निकला भी नहीं था कि एक और तूफान यास के आने का खतरा मंडराने लगा है. मौसम विभाग के मुताबिक, यास तूफान के इस प्रभाव के कारण दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़ और राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में अगले 3 दिनों तक धूल भरी हवाएं चलेंगी. इनकी रफ्तार 25 से 35 किमी प्रति घंटा रहेंगी.
इसके साथ ही आईएमडी ने कहा है कि इस मौसमी घटना की वजह से मध्य महाराष्ट्र, कोंकण और गोवा में सोमवार और मंगलवार को 30-40 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चलने और बिजली गरजने के साथ बारिश होने का अनुमान है. आईएमडी ने अनुमान जताया है कि महाराष्ट्र के अधिकतर हिस्सों में अगले पांच दिनों तक तापमान में दो डिग्री से लेकर तीन डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी देखने को मिलेगी.
आईएमडी के मुताबिक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 23 और 24 मई को भारी बारिश हो सकती है. ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में 25 मई को बारिश का अनुमान है. पश्चिम बंगाल में 25 से 27 मई तक बारिश के आसार है. वहीं झारखंड और बिहार में 26 मई और 27 मई को बारिश हो सकती है.
वही अगर बात राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की करें तो यहां मौसम एक बार फिर से बदलने लगा है. आज सोमवार सुबह से ही दिल्ली-एनसीआर में तेज धूप निकली हुई है और बीते दिनों के मुकाबले गर्मी का एहसास भी हो रहा है. हालांकि भीषण गर्मी से राहत अभी भी बरकरार है. वही मौसम विभाग ने आज सोमवार को आसमान साफ रहने की संभावना के बीच पूर्वानुमान लगाया है कि दिन में 20 से 25 किमी की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती है.
इस दौरान अधिकतम तापमान 36 डिग्री और न्यूनतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है. कुल मिलाकर अगले तीन दिनों तक धूप खिली रहेगी और बारिश की कोई संभावना नहीं जताई गई है. इसके बाद 28 मई से एक बार फिर दिल्ली में बादल छाए रहेंगे और जिससे गर्मी से लोगों को राहत मिलेगी. लेकिन उससे पहले आने वाले तीन दिनों तक तापमान में दो से चार डिग्री सेल्सियस तक बढ़ोतरी दर्ज की जाएंगी. इससे अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचे जाएगा.
इससे पहले रविवार की सुबह दिल्ली वासियों को अलग ही नजारा देखने को मिला. राजस्थान में चली धूल भरी आंधी का असर यहां भी दिखा, जिसमें पूरी राजधानी ने धूल की चादर ओढ़ ली. इस दौरान दमा और अस्थमा के रोगियों को सांस लेने में भी परेशानी हुई.