क्या होता है पोर्टेबल ऑक्सीजन जेनरेटर? जिसे भारत भेजकर अमेरिका करेगा मदद
अमेरिकी सेना जिन पोर्टेबल ऑक्सिजन जेनरेटर का इस्तेमाल करती है, उसे भारत को विमान से तुरंत पहुंचाने पर विचार किया जा रहा है. लेकिन क्या आप जाने हैं कि ऑक्सीजन जेनरेटर होता क्या है और ये काम कैसे करता है ?
अमेरिका अलग-अलग देशों में सैन्य अभियान चलाता रहता है. ऐसे में उसकी सेना को कहीं भी कम समय में ही फील्ड हॉस्पिटल तैयार करके जरूरी सुविधाएं जुटाने की जरूरत पड़ती है. ऐ से वक्त में अमेरिकी सेना अलग प्रकार के पोर्टेबल ऑक्सिजन जेनरेटर का इस्तेमाल करती है. इन ऑक्सिजन जेनरेटर को आसानी से ढोया जा सकता है.
अमेरिकी सेना अपने सैनिकों के लिए दो तरह के ऑक्सिजन जेनरेटरों का इस्तेमाल करती है. इसमें ऑक्सीजन जेनरेटर को कहते है एक्सपेडीशनरी डिप्लॉयेबल ऑक्सिजन कंसंट्रेशन सिस्टम (EDOCS) 120बी. इसे इस्तेमाल करने के लिए सिर्फ बिजली की जरूरत पड़ती है और ये एक साथ 40 मरीजों को पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचा सकता है. यानी, अगर किसी अस्पताल में 200 बेड है तो ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए सिर्फ 5 EDOCS 120बी ही काफी हैं.
अमेरिकी सेना दूसरे तरह के जिस ऑक्सीजन जेनरेटर का इस्तेमाल करती है वो एक मरीज को प्रति मिनट 2 से 3 लीटर ऑक्सिजन की सप्लाई कर देता है. इस ऑक्सीजन जेनरेटर को युद्धभूमि में ऑक्सीजन की जरूरत को पूरा करने के लिए किया जाता है. ये एक मरीज को प्रति मिनट 2 से 3 लीटर ऑक्सिजन की सप्लाई कर देता है. इनका इस्तेमाल युद्धभूमि से अस्पताल तक पहुंचाते वक्त घायल सैनिकों को सांसें देने में किया जाता है. इन जेनरेटरों को कभी कच्चे माल की कमी नहीं होती है क्योंकि ये वायुमंडल की हवा से ही ऑक्सिजन को निकालते है. युद्धभूमि में तैनात अपने सैनिकों के लिए अमेरिका ने ऐसे हजारों जेनरेटर रखे हैं.
अब इन जेनरेटरों को आपतकालीन इस्तेमाल के लिए भारत लाने पर चर्चा चल रही है. ये देखने वाली बात ये है कि अमेरिका कब और कितने ऑक्सीजन जेनरेटर भारत को उपलब्ध करवाता है..लेकिन ऐसा माना जा रहा है ये ऑक्सीजन जेनरेटर अगर भारत आता है तो देश मेडिकल ऑक्सीजन की भारी किल्लत से कछ निजात पा सकता है.