अचानक से इतने तेज भूकंप के झटके कहां से आये ? क्या गर्मियों में भूकंप और मचाएगी तबाही?
28 अप्रैल की सुबह भारत का पूर्वोत्तर राज्य असम भूकंप के तेज झटकों से हिल गया. सुबह 7.51 बजे आए इस भूकंप की तीव्रता 6.4 मापी गई है. भूकंप का केंद्र असम का सोनितपुर रहा. लेकिन इस भूकंप का केंद्र भले ही असम में रहा हो लेकिन इसके झटके नार्थ बंगाल और आसपास के कई अन्य इलाकों में भी महसूस किए गए. असम में आए झटके को बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश में भी महसूस किया गया. कुछ जगहों से नुकसान की खबरें भी सामने आई हैं.
बता दें कि असम में इस महीने में आया ये दूसरा बड़ा झटका है. इससे पहले 5 अप्रैल को 5.4 तीव्रता वाला भूकंप आया था. वही इसी महीने में असम में 6 अप्रैल को 2.7 तीव्रता का भूकंप भी आया था. लेकिन यहां सवाल ये है कि आखिरकार अचानक से तेज भूकंप के झटके आए कहां से? इसके पीछे वजह क्या है?
तो बता दें कि भूगर्भशास्त्रियों और भूकंप एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस समय धरती की टेक्टोनिक प्लेटें खिसक रही हैं, जिसके कारण इतने भूकंप आ रहे हैं. इस साल फरवरी महीने में भी आधा भारत भूकंप के झटके से हिल गया था. लेकिन 12 फरवरी की रात आए भूकंप के बाद अभी तक शांति थी, लेकिन अचानक से इतने ज्यादा तीव्रता के भूकंप ये बताते है कि धरती में गतिविधियां बढ़ गई हैं. गर्मी दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है. ऐसे में इस मौसम में अक्सर धरती के अंदर गतिविधियां बढ़ जाती हैं. कई बार दो टेक्टोनिक प्लेटों की बीच में बनी गैस या प्रेशर जब रिलीज होता है तब भी भूकंप आते हैं.
अगर पिछले साल के भूकंप के आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2020 में लोगों ने करीब एक हजार भूकंप के छोटे-बड़े झटके महसूस किए. पिछले साल यानी 1 जनवरी 2020 से लेकर 31 दिसंबर 2020 तक भारत में कुल मिलाकर 965 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए. ये सभी 965 भूकंप के झटके 3 तीव्रता या उससे ऊपर के थे,इसमें तेज झटके भी शामिल है. भूकंप के ये आंकड़ें नेशनल सेंटर ऑफ सीस्मोलॉजी (NCS) की तरफ से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालाय को दिए गए हैं.
ऐसे हालात गर्मियों में ज्यादा देखने को मिलते हैं. हाल ही में एक रिपोर्ट आई थी जिसके मुताबिक भारतीय टेक्टोनिक प्लेट हिमालयन टेक्टोनिक प्लेट की तरफ खिसक रही है. इसके कारण गर्मियों में ज्यादा भूकंप के झटके महसूस हो सकते हैं.