World Earth day: इंसानों ने 12 हजार साल पहले ही बिगाड़ दिया था धरती!अब जाकर हुआ खुलासा
औद्योगिक आंदोलन और आधुनिकता आने के बाद से ही हमारे धरती और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा है..पर्यावरण के बिगड़ते स्वरूप को देखकर ऐसा ही तर्क दिया जाता है या ऐसा कहा जाता है..लेकिन ये तर्क अब गलत साबित हो गया है..ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि एक रिपोर्ट आई है जिसमें कहा गया है कि इंसानों ने धरती को 12 हजार साल पहले से ही बिगाड़ना शुरू कर दिया था. इस बात का खुलासा एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्टडी में हुआ है. इससे एक बात तो खत्म हो गई कि औद्योगिक आंदोलन के समय से इंसानों ने धरती को नुकसान पहुंचाया है. हालांकि, 12 हजार साल पहले जिस तरह के परिवर्तन किए गए थे, उसमें प्रदूषण की मात्रा कम थी. जो आज बहुत ज्यादा है.चलिए जानते है कि कैसे इंसानों ने 12 हजार साल पहले धरती को नुकसान पहुंचाया या इसमें बदलाव किए.
ये स्टडी यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड के प्रोफेसर एरली एलिस और उनकी टीम ने की है. ये स्टडी प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेस में प्रकाशित हुई है. स्टडी करने वाले प्रोफेसर एरली एलिस ने बताया है कि स्टडी करने के बाद पता चला कि बस 500 साल पहले से धरती को नुकसान नहीं पहुंच रहा है बल्कि ये प्रक्रिया करीब 12 हजार साल पहले शुरू हो चुकी थी. उस वक्त से ही इंसानों ने बर्फीली जगहों को छोड़कर धरती के ज्यादातर हिस्से पर अपना हथियार जमा लिया था.लोगों को खाने और रहने के लिए खेत, फसलें और मांस चाहिए था. ऐसे में जहां जमीन दिखी वहां खेत बना दिए गए. यहां तक की इसके लिए जंगल भी काटे गए. मांस के लिए बड़े पैमाने पर जानवरों का शिकार भी किया गया. यही नहीं जंगलों में आग लगाने की परंपरा भी लगभग उसी वक्त से शुरू हुई थी. जो आज भी जारी है.
प्रोफेसर एरली बताते है कि ये शुरुआत में ही दिखने लगा था कि इंसान इस धरती को अपने रहने के लिए धीरे-धीरे करके खराब या यूं कह ले नरक बनाते चला जा रहा है. उन्होंने अपने हिसाब से उस जगह के ईकोसिस्टम को बदलना शुरू कर दिया था. ज्यादा उत्पादन और ज्यादा पाने की चाहत में धरती के पर्यावरण, ईकोसिस्टम में लगातार बदलाव किया जाता रहा.